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संचार
इसरो ने संचार, प्रसारण एवं मौसमविज्ञान संबंधी सेवाओं की माँग को पूरा करने के लिए उपग्रह बस संरचना को विकसित और मानकीकृत किया है | उपग्रह मंच ने भारत की राष्ट्रीय आवश्यकता को पूरा करने के लिए उपग्रह निर्माण एवं प्रचालन में तीन दशकों से उपर का उत्कृष्ट धरोहर निर्मित कर रखा है |इन क्रियाकलापों से विविध इसरो उपग्रह मंच यथा-मौसम विज्ञान/विशेष सेवा/उत्थापक मात्रा सहित 1000 किलोग्राम के सीमित उपयोग वाले नीतभार के लिए आइ-1 के बस, उत्थापक मात्रा सहित 2000 किलोग्राम के लिए आइ-2 के बस, उत्थापक मात्रा सहित 3000 किलोग्राम के लिए आइ-3 के बस एवं 6000 किलोग्राम के आइ-6 के श्रेणी के उपग्रहों का उद्भव हुआ है |
इसरो के उपग्रह मंच/बस के विशेष गुण
  • आइ-1 के/आइ-2 के/आइ-3 के/आइ-4 के/आइ-6 के बस संरचना के साथ भूस्थैतिक अंतरिक्षयान
  • लक्षित अंतरिक्षयान मात्रा के लिए 12-15 वर्ष का मिशन-जीवन (उत्थापक मात्रा एवं नोदक आवश्यकता पर आधारित)
  • लक्षित अंतरिक्षयान मात्रा के लिए 12-15 वर्ष का मिशन-जीवन (उत्थापक मात्रा एवं नोदक आवश्यकता पर आधारित)
  • प्रमापीय विन्यास के साथ संरचना (स्वतंत्र नीतभार,बस और नोदक प्रतिरूपक)
  • उच्चतर क्षेत्रफल अनुपात वाले एलएएम के साथ बहु ईंधन टैंक विकल्प आधारित रासायनिक नोदन प्रणाली
  • अपेक्षित ग्रहण अवलंब के लिए लि-आयन बैटरी
  • उच्च परिशुद्धता युक्त संवेदन प्रणाली
  • सीसीएसडीएस आधारित टीएम/टीसी प्रणाली
  • मानक 8/6 नियंत्रक के उपयोग से सौर पट्टी विस्तरण विरचना
  • निर्देश कार्य संपन्न करने के लिए बहु एंटेना विस्तरण एवं निर्देशन विरचना
  • ईवी शिखर पर नीतभार एंटेना आरोहण हेतु प्रावधान के साथ डीजीआर, एकल कवच परावर्तक समायोजन संभव
भू-प्रेक्षण

वर्ष 1988 में, आइआरएस 1ए, प्रथम प्रचालनीय भारतीय सुदूर संवेदी (आइआरएस) उपग्रह के प्रमोचन एवं स्थापन के बाद भारत में प्रचालनीय सुदूर संवेदी सेवा की शुरुआत हुई | पहले के सामान्य उद्देश्य वाले उपग्रहों जैसे आइआरएस-1ए,1बी,1सी एवं 1डी, से परे इसरो ने वर्ष 2003 में उपग्रहों की प्रासंगिक श्रेणी का रुख किया | फिलहाल, इसरो के पास रिसोर्ससैट, कार्टोसैट, ओशनसैट, रिसैट श्रृंखला वाले उपग्रह हैं |

मौसमविज्ञान

इसरो ने संचार, प्रसारण एवं मौसमविज्ञान संबंधी सेवाओं की माँग को पूरा करने के लिए उपग्रह बस संरचना को विकसित और मानकीकृत किया है | भारत की राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपग्रह मंच के पास तीन दशकों से अधिक उपग्रह निर्माण और प्रचालन का उत्कृष्ट धरोहर है |

इन्सैट-3 डी एवं / इन्सैट-3 डीआर, इसरो द्वारा प्रमोचित नवोन्नत मौसमविज्ञान संबंधी उपग्रह हैं |