
वर्ष 1988 में, आइआरएस 1ए, प्रथम प्रचालनीय भारतीय सुदूर संवेदी (आइआरएस) उपग्रह के प्रमोचन एवं स्थापन के बाद भारत में प्रचालनीय सुदूर संवेदी सेवा की शुरुआत हुई | पहले के सामान्य उद्देश्य वाले उपग्रहों जैसे आइआरएस-1ए,1बी,1सी एवं 1डी, से परे इसरो ने वर्ष 2003 में उपग्रहों की प्रासंगिक श्रेणी का रुख किया | फिलहाल, इसरो के पास रिसोर्ससैट, कार्टोसैट, ओशनसैट, रिसैट श्रृंखला वाले उपग्रह हैं |
इसरो ने संचार, प्रसारण एवं मौसमविज्ञान संबंधी सेवाओं की माँग को पूरा करने के लिए उपग्रह बस संरचना को विकसित और मानकीकृत किया है | भारत की राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपग्रह मंच के पास तीन दशकों से अधिक उपग्रह निर्माण और प्रचालन का उत्कृष्ट धरोहर है |
इन्सैट-3 डी एवं / इन्सैट-3 डीआर, इसरो द्वारा प्रमोचित नवोन्नत मौसमविज्ञान संबंधी उपग्रह हैं |
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